सन्दीप पाण्डेय
रायबरेली। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। जो ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाकर करोड़ों रुपए का खेल कर जाते थे और उन आमजनों को चंद रुपए देकर बड़ा स्कैम किया करते थे। पुलिस ने साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ कर चार शातिर ठग गिरफ्तार किए गए हैं। यह युवाओं का गिरोह फर्जी दस्तावेजों और लालच के जरिए लोगों के बैंक खाते खुलवाकर साइबर फ्रॉड को अंजाम देता था।
पुलिस ने इनके कब्जे से लाखों रुपये की नकदी, फर्जी आधार कार्ड, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और बैंक पासबुक सहित सामान बरामद किए हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि जिले के डीह थाना पुलिस, साइबर थाना, और सर्विलांस की संयुक्त टीम साइबर फ्रॉड के एक मामले की जांच कर रही थी। इसी दौरान 9 अप्रैल 2025 को शुभम पाण्डेय नामक व्यक्ति ने थाना डीह में अपने बैंक खाते से फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में11 अप्रैल 2025 को थाना डीह, सर्विलांस और साइबर थाना की संयुक्त टीम ने तकनीकी सहायता से चार अभियुक्तों, जिनमे मुख्य आरोपी दुर्गेश पांडेय, संजय पाण्डेय, सोनू पाण्डेय उर्फ योगेंद्र पाण्डेय और दीपक सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
ये सभी रायबरेली के अलग अलग थाना क्षेत्रों के निवासी हैं। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह आसपास के लोगों को लालच देकर उनके नाम पर फर्जी एटीएम कार्ड बैंक खाते खुलवाता था। ये लोग खातों से जुड़े एटीएम कार्ड और पासबुक अपने पास रखते थे। साइबर फ्रॉड का पैसा इन खातों में आने पर ये अलग-अलग एटीएम से नकदी निकालते और अपने गैंग के सरगना के खाते में सीडीएमए मशीन के जरिए पैसा ट्रांसफर करते थे। बाकी रकम आपस में बांट लेते थे।
क्या-क्या बरामद हुआ?
पुलिस ने अभियुक्तों के पास से 3,27,590 रुपये की नकदी, 4 फर्जी आधार कार्ड, 9 मोबाइल फोन, 6 एटीएम कार्ड, 1 प्रीपेड कार्ड, 3 बैंक पासबुक और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस अन्य वांछित अभियुक्तों की तलाश में जुटी है।