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7 वांछितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने बरामद किये 5 लाख रूपये के सामान 12 मोबाइल एवं 4 लैपटाप
अजय पाण्डेय
आजमगढ़। पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संगठित ऑनलाइन सट्टेबाजी, गेमिंग और जुआ रैकेट के हेड ऑफिस का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके कब्जे से 15 लाख रुपये मूल्य का सामान, जिसमें 12 मोबाइल, 4 लैपटॉप सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं, बरामद किए गए हैं।
यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देशन में साइबर क्राइम पर प्रभावी नियंत्रण के तहत की गई। मामले का खुलासा पुलिस को थाना अतरौलिया के निवासी शिवकुमार की ओर से दर्ज शिकायत की जांच के दौरान एक मोबाइल नंबर का सुराग मिला जिसकी लोकेशन लखनऊ कमिश्नरेट में मिली। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और गहन जांच के बाद पुलिस ने लखनऊ में स्थित इस गैंग के हेड ऑफिस पर छापा मारा। यह गैंग देश भर में अपनी ब्रांच ऑफिसों के जरिए प्रतिदिन लाखों रुपये की ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ संचालित करता था।
पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह हवाला और क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसे को विदेश जैसे लाए आदि भेजता था।गिरफ्तार अभियुक्तों के लैपटॉप और मोबाइल की जांच से खुलासा हुआ कि लखनऊ स्थित हेड ऑफिस से देश भर की ब्रांच ऑफिसों से फर्जी खातों में इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिए धनराशि प्राप्त की जाती थी। इसके बाद इन पैसों को चिन्हित खातों में ट्रांसफर करना, नकदी निकालना, क्रिप्टोकरेंसी में बदलना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजना जैसे कार्य किए जाते थे। गैंग बैलेंस शीट तैयार करने और ट्रांजेक्शन की निगरानी भी इसी हेड ऑफिस से करता था। पुलिस की ओर से गिरफ्तार आरोपियों में एक उत्तर प्रदेश और छह बिहार से हैं। आरोपियों के पास से 12 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप, 2 लैपटॉप चार्जर, 5 मोबाइल चार्जर, 1 माउस, 2 जाली आधार कार्ड बरामद हुए।
इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने कहा कि साइबर अपराध पर नियंत्रण हमारी प्राथमिकता है। इस कार्रवाई से संगठित अपराधियों को कड़ा संदेश दिया गया है। आगे भी ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और कठोर कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार किये अभियुक्तों में उत्तर प्रदेश से 1 एवं बिहार से 6 हैं।
अपराध करने का तरीका
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ व उनके लैपटाप व मोबाइल की जांच द्वारा बताया कि हम लखनऊ में HEAD OFFICE चलाते हैं तथा हमारे द्वारा निम्नलिखित कार्यो को सम्पादित किया जाता था— HEAD OFFICE द्वारा देश भर में विभिन्न BRANCH OFFICES से इलेक्ट्रानिक बैंकिग के माध्यम से धनराशि फर्जी अकाउटों मे प्राप्त करते थे। उन फर्जी खातों का रख रखाव करना, उन पैसो को चिन्हित खातों मे स्थानान्तरित करना, कैश विड्राल करना, क्रिप्टोकरेन्सी में बदलना व इसके माध्यम से अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भेजना व इस सम्बन्ध में जो भी ट्रान्जेक्शन है, उनका बैलेन्स शीट तैयार करना और उनकी मोनिटरिंग करना आदि कार्य इस HEADOFFICE किये जाते थे।
गिरफ्तारी का विवरण/घटना का अनावरण
साइबर क्राइम थाना आजमगढ़ के आनलाइन NCRP पोर्टल पर प्राप्त शिकायत/धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2), 111 बीएनएस, 3 सार्वजनिक जुआ अधिनियम व 66सी, 66डी आईटी एक्ट की जांच के आधार पर पूछताछ हेतु थाना साइबर क्राइम जनपद आजमगढ़ बुलाया गया था। पूछताछ के दौरान यह पाया गया कि थानें आये सभी सात अभियुक्त इस अपराध में संलिप्त हैं। अतः इन लोगों को इसी सन्दर्भ में गिरफ्तार किया गया।
ये लोग किये गये हैं गिरफ्तार
गिरफ्तार अभियुक्तों में रणवीर कुमार पुत्र राम प्रवेश सिंह निवासी सिमरी बख्तियारपुर, थाना सिमरी बख्तियारपुर, तहसील अंचल सिमरी बख्तियारपुर, जिला सहरसा बिहार, मो0 शारीख शेख पुत्र मो0 नसीम निवासी पहलाम सिमरी बख्तियारपुर, थाना सिमरी बख्तियारपुर, जिला सहरसा बिहार, मो0 रफीक पुत्र कय्यूम निवासी पहलाम, थाना सलकुआ, बनया इटहरी, जिला सहरसा बिहार, आलोक कुमार पुत्र संतोष कुमार निवासी गौरिया, पो0 तिलसहरी, थाना महराजपुर, जिला कानपुर, अंगद कुमार पुत्र अर्जुन सिंह निवासी पहलाम, थाना सिमरी, बख्तियारपुर जिला सहरसा, बिहार बदरुल पुत्र मो0 अनवर निवासी व थाना सिमरी, बख्तियारपुर, जिला सहरसा बिहार एवं कृष्ण कुमार पुत्र महेन्द्र शाहू निवासी एकडारा, थाना खुटौना, पोस्ट बाघा कुशमारा, जिला मधुबनी बिहार हैं।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
प्रभारी निरीक्षक राजीव यादव, उ0नि0 मन्तोष सिंह, उ0नि0 कलाप कलाधर त्रिपाठी, हे0का0 ओम प्रकाश जायसवाल, हे0का0 सुखनन्दन सिंह, का0 एजाज अहमद, का0 संजय कुमार, का0 रामाश्रय यादव, का0 सभाजीत मौर्य एवं क0आ0 ग्रेड बी चन्द्रमा मिश्रा शामिल रहे।