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शेखर कान्ति हास्पिटल के डायरेक्टर डा. रमित सिंह ने मृतक के परिजनों सहित दो यू—ट्यूबरों को भेजा कानूनी नोटिस
एके सिंह
जौनपुर। नगर में स्थित शेखर कांति हॉस्पिटल के डाक्टर पर मरीज शुभम निषाद के परिजनों द्वारा लगाया गया आरोप विभागीय जांच में गलत पाया गया। परिजनों ने शुभम के मरने के 3 दिन बाद तक इलाज के नाम पर पैसा लेने का आरोप शेखर कांति हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ रमित सिंह पर लगाया था। सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने डॉ प्रभात कुमार से मामले की जांच कराई। घटना के दूसरे दिन हुई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक दिन पहले मरने की बात कही गई। उधर शेखर कांति हॉस्पिटल के डायरेक्टर डा. रमित सिंह ने परिजनों सहित दो यूट्यूबरों को कानूनी नोटिस भेजा है।
ज्ञातव्य है कि शुभम निषाद नामक युवक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसका इलाज नगर के नईगंज स्थित शेखर कान्ति हास्पिटल में चल रहा था। इलाज के दौरान शुभम की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि मौत की खबर मरने के 3 दिन बाद उन्हें बताया गया। मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने डॉक्टर के ऊपर लापरवाही आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया और डॉक्टर के स्टाफ द्वारा शव न देने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से भी शिकायत किया।
विभागीय सूत्रों के अनुसार शिकायत पर जिलाधिकारी डा. दिनेश चन्द्र ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह को मामले की जांच करने के लिए आदेश दिए। इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जाँच पड़ताल में जुट गई है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बीते 3 अप्रैल को जिलाधिकारी ने मुझे जांच करने के आदेश दिए थे।
मैंने तुरंत दोपहर 2 बजे के लगभग एसीएमओ डा. प्रभात को जांच करने के लिए उक्त नर्सिंग होम में भेज दिया था। डॉ प्रभात ने मौके पर पहुंचकर देखा तो मरीज जिंदा था और वेंटिलेटर पर जीवन मौत से संघर्ष कर रहा था। उसी दिन शुभम की मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पीएम रिपोर्ट में आया कि शुभम की मौत उसी दिन हुई है। एसीएमओ की जांच रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर यह कहा जा सकता है कि परिजनों द्वारा 3 दिन पूर्व शुभम निषाद के मरने का आरोप सरासर गलत है।
वहीं इस बारे में शेखर कांति अस्पताल के डायरेक्टर डा. रमित सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों सहित कुछ अन्य लोगों द्वारा सोशल मीडिया में उनके खिलाफ गलत खबरें प्रसारित की गईं जिससे उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई और मानसिक आघात पहुंचा है जबकि मृतक के परिजनों से पैसा मिला ही नहीं था। डॉ रमित सिंह ने बताया कि उन्होंने मृतक के परिजनों और झूठी खबर चलाने के मामले में सोशल मीडिया पर खबर चलाने वाले दो यू ट्यूबरों को कानूनी नोटिस भेजा है।