शिवेन्द्र नारायण तिवारी
नारीबारी, प्रयागराज। केजेएस गुरुकुल सलैया पनियारी, सलैया खुर्द, फुलतारा, सुरवल सहनी के संधिस्थल पहाड़ पर स्थापित नूतन सुविधाओं का एक अप्रतिम विद्यालय है जो सेवा—संस्कार के संकल्पों से संचालित है। न केवल प्राथमिक शिक्षा, बल्कि आधुनिक तकनीकीपरक शिक्षा का एक नायाब नमूना है। केजेएस गुरुकुल सलैया पनियारी शैक्षिक मानदण्डों का एक अन्यतम प्रतिमान है। छोटे-छोटे नौनिहालों का एक जरूरी ठिकाना है।
शिक्षा, संस्कार, सेवा, सांस्कृतिक उत्सवों का एक नवीनतम प्रतिष्ठान है जो आधुनिक सुविधाओं से लैस है।अत्याधुनिक कम्प्यूटर शिक्षा से सुसज्जित, नैतिक मानदण्डों के अनुरूप एक ऐसा परिसर जो लोक-संस्कृति के आचार-व्यवहार का भी ख्याल रखता है।सप्ताह के प्रत्येक दिनों में नवाचार और रचनात्मकता से परिपूर्ण कक्षाएं संचालित होती हैं। खेलकूद के उत्कृष्ट संसाधनों का उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को समुचित खेल-अभ्यास नियमित दिनचर्या का अभिन्न अंग है।
संगीत और लोक संगीत की कक्षाएं प्रयाग संगीत समिति के प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से सम्पन्न कराई जाती हैं।
शिक्षा लेने का संघर्ष और शिक्षा प्रदान करने का संघर्ष दोनों का प्रत्यक्ष नमूना है केजेएस गुरुकुल। बच्चे पढ़ने के लिए तो केजेएस विद्यालय पढ़ाने के लिए अंचल में संघर्षरत है। दरअसल जिस अंचल मे शिक्षा की महत्ता ही कम हो, जहां शिक्षा अन्य विषयों के साथ गौण मानी जाती हो, वहाँ शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों को अनूठा संघर्ष करना पड़ता है। सलैया पनियारी अंचल में केजेएस गुरुकुल इसी विलक्षण द्वन्दों का नमूना है।
कहना न होगा कि संस्थान ने अपने कठिन मेहनत के दम पर आज नियमित रूप से कुशल संचालन के लिए प्रसिद्ध है। संस्थान की निदेशक सुभाषिनी शाही ने शैक्षिक प्रतिमानों के अनुरूप, नवाचार, सूक्ष्म कौशल, चित्रकला विषयों की नियमित कक्षाओं को शामिल किया है। योग में आसन-प्राणायाम, व्यायाम, दौड़ जैसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से लगातार स्तरीय मूल्यांकन का सतत प्रयास किया जाता है। बाल प्रतिभाओं को निखारने के हर सम्भव प्रयास शिक्षिकों द्वारा किया जाता है।
आज ग्रामीण अंचल में ऐसे शिक्षा के प्रतिष्ठान कमोबेश नही दिखाई पड़ते हैं।लोक-शिक्षा को प्रथम प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक शनिवार कार्यक्रम रखे जाते हैं और लोक कलाकारों से विद्यार्थियों को रूबरू कराया जाता है। विज्ञान सहित अन्य मानविकी विषयों को सचित्र और व्यवहार के अनुरूप पढ़ाने का प्रयास अनुकरणीय हैं। इस पिछड़े इलाक़े में शिक्षा की अलख जगाने वाले केजेएस गुरुकुल से जुड़े तमाम अभिभावकों ने अपने बच्चों के अध्ययन के प्रति सुगमता अनुभव करते हुए संस्थान के उत्कृष्ट मानकों के साथ बेसिक शिक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं।



















