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इस्कॉन झाँसी में युवाओं के लिये भव्य कार्यक्रमों का आयोजन
मुकेश तिवारी
झांसी। इस्कॉन झाँसी में आध्यात्मिक उल्लास और सामाजिक ऊर्जा का संगम देखने को मिलेगा, क्योंकि श्री प्रभुपाद के संन्यासी शिष्य, अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त गुरु और पदयात्रा व पवित्र नाम प्रचार के अग्रदूत परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज छह वर्षों के लंबे अंतराल के बाद झाँसी पधारे हैं। उनके साथ भारत व विदेशों से आए हुए शिष्यगण भी इस दिव्य यात्रा में सम्मिलित हैं। उनके आगमन पर रेलवे स्टेशन पर उन्हें सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया। विशिष्ट अतिथियों द्वारा उन्हें माल्यार्पण व भव्य स्वागत के साथ इस्कॉन मंदिर परिसर तक ले जाया गया। 12 अप्रैल की प्रातः लोकनाथ स्वामी महाराज द्वारा मंदिर के सत्संग भवन और छात्रों के लिए एक लाइब्रेरी का उद्घाटन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य है कि विद्यार्थी मन लगाकर अध्ययन करें और देश की प्रगति में भागीदार बनें। स्वामी महाराज की उपस्थिति में 12 अप्रैल की संध्या को इस्कॉन झाँसी में हारनेसिंग माइंड पावर विषय पर आधारित एक भव्य युवा उत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसमें झाँसी के विभिन्न कॉलेजों और पुस्तकालयों से लगभग 700 युवक-युवतियाँ भाग लेंगे।
यह उत्सव केवल प्रवचन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें नाटक, नृत्य और मंत्र रॉक बैंड जैसे प्रेरणादायक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में लोकनाथ स्वामी महाराज युवाओं को मन की शक्ति को पहचानने व सही दिशा में प्रयोग करने के लिए मार्गदर्शन देंगे। 13 अप्रैल, रविवार को स्वामी महाराज प्रातः एवं सायं भागवत प्रवचन देंगे, जिससे नगरवासी आध्यात्मिक उन्नति के गूढ़ रहस्यों से परिचित हो सकेंगे। यह गौरव का विषय है कि झाँसी वह पवित्र भूमि है, जहाँ इस्कॉन के संस्थापकाचार्य श्रीलएसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने अपने प्रचार कार्य की शुरुआत की थी और लीग ऑफ डिवोटीज़ की स्थापना की थी, यही आंदोलन आगे चलकर इस्कॉन इंटरनेशनल सोसाइटी फोर कृष्णा कांशसनेस बना। यहीं पर उन्होंने इस वैश्विक संस्था के उद्देश्यों की रचना की थी। इस्कॉन झाँसी के अध्यक्ष ब्रजभूमि दास ने बताया कि हम समाज की सेवा करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि श्रीमद्भगवद्गीता और मंत्र ध्यान के माध्यम से लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।
इस संदेश को मीडिया सचिव पियूष रावत ने भी साझा किया और सभी नगरवासियों से अनुरोध किया कि वे इस पुण्य अवसर पर भाग लेकर जीवन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भरें। व्रज जन रंजन दस और प्रिय गोविन्द दस ने वह पर आएं सभी का आभार व्यक्त किया।