अश्वनी सैनी
सफीपुर, उन्नाव। स्थानीय विकास खण्ड क्षेत्र के न्यामतपुर गांव में शुक्रवार को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद साहित्यिक सेवा समिति के तत्वावधान में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी भव्य राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का आयोजन जनपद के प्रख्यात ओज कवि डॉ. प्रमोद कुशवाहा के सान्निध्य में हुआ। काव्य प्रेमियों की भारी भीड़ उमड़ी और पूरी रात काव्य पाठ का सिलसिला तालियों की गूंज के बीच चलता रहा।कवि सम्मेलन की अध्यक्षता साहित्यकार दिवाकर द्विवेदी ने किया। ग्राम प्रधान संतोष विश्वकर्मा ने पुष्प और अंगवस्त्र भेंट कर सभी कवियों का अभिनंदन कर स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत रायबरेली से पधारे हास्य कवि संदीप शरारती की प्रस्तुति से हुई। उन्होंने “शेर, बाघ, चीता, भालू, वन-बिच्छू से ज्यादा हमको तो घर में रखे अब नीले ड्रम से डर लगता है” सुनाकर श्रोताओं को ठहाकों में डुबो दिया।
इसके बाद मंच पर आए ओजस्वी कवि डॉ. प्रमोद कुशवाहा ने “भारत की आन-बान-शान हेतु घर-घर गुलाब सिंह लोधी जैसा लाल होना चाहिए, क्रांतिकारियों का ऋण सर पे रहेगा सदा, इस बात का सदैव ख्याल होना चाहिए” जैसी पंक्तियों से देशभक्ति की अलख जगा दी। हरदोई के युवा कवि अनिकेत ने “वंदन भारत मातु का सतत नवाऊ शीश, यही जन्म देना मुझे बार-बार जगदीश” सुनाकर खूब तालियां बटोरी।वहीं उन्नाव के कवि हर्षित श्रीवास्तव ने प्रेम में खोए जज्बातों को “दिल का सुकून, आंखों की निदिया चली गई, जब से गए हो तुम, मेरी खुशियां चली गई” जैसी भावुक रचना से प्रस्तुत किया। लखीमपुर खीरी से आईं कवियित्री कृति श्रीवास्तव ने अपनी सशक्त प्रस्तुति “है जनक की तपस्या का फल जानकी, राम की शक्तियों का है बल जानकी…” से पूरे पंडाल को भाव-विभोर कर दिया। उनकी प्रस्तुति पर महिलाओं सहित समूचा पंडाल तालियों से गूंज उठा।
संडीला से आए कवि रामेंद्र सिंह ने “चाहे जो भी हो सरकार, फैल रहा है भ्रष्टाचार, हम कैसे माने स्वच्छ प्रशासन जब पैसा मांगत थानेदार” जैसे तीखे कटाक्ष से व्यवस्था पर प्रहार किया। वहीं कमलेश कुमार सोनी ने “भूल जाना सब पर भूलना न मेरी बात, जन्म दायिनी को जिंदगी में न भूलना” सुनाकर मातृभक्ति का संदेश दिया। इस अवसर पर तमाम लोगों की उपस्थिति रही।