गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में कृषि आय में वृद्धि एवं वन ट्रिलियन डालर इकोनामी पर कार्यशाला की गई। कृषकों को सम्बोधित करते हुये जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में जायद फसल सत्र में लगभग 1.5 लाख हे0 क्षेत्रफल बुवाई से शेष रह जाता है। प्रगतिशील कृषकों के सुझाव एवं तकनीकी को दूसरों तक पहुंचाने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गई है। उप कृषि निदेशक द्वारा मूल्य संवर्द्धन, विपणन एवं निर्यात को बढ़ावा देने के साथ ही फसल उत्पादों की प्रासेसिंग के सम्बन्ध में अवगत कराया गया।जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने आई0पी0एम0 के माध्यम से फसलों की गुणवत्ता में सुधार एवं कीट रसायनों के प्रयोग को कम करने के बारे में जानकारी दिया। जिला उद्यान निरीक्षक ने उद्यान विभाग की योजनाओं के माध्यम से कृषकों की आय वृद्धि के बारे में जानकारी दिया।
सहायक निदेशक मत्स्य द्वारा विभाग की योजनाओं के माध्यम से आय वृद्धि की सम्भावनाओं की जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र हैदरगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 अश्वनी सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से संचालित माॅडल का प्रयोग कर आय वृद्धि की सम्भावनाओं के बारे में जानकारी दिया।पद्मश्री राम सरन वर्मा ने फसल विविधीकरण, फसल चक्र एवं ग्रीन मैन्योरिंग द्वारा उत्पाद की गुणवत्ता एवं आय में वृद्धि के बारे में किसानों को अवगत कराया। प्रगतिशील महिला कृषक गीता सिंह ने बायोफ्लाक के माध्यम से बहुत थोड़ी जगह में मत्स्य पालन से अपने घर में रहकर ही आय का नया साधन विकसित करने की जानकारी दिया।
उपायुक्त स्वतः रोजगार ने विकास खण्ड सिद्धौर में बायो फ्लाक माॅडल विकसित कराये जाने की जानकारी दिया। जेनेक्स कम्पनी के निदेशक राबिन सरदार ने छोटी जगह में ज्यादा उत्पादन एवं मुनाफा प्राप्त करने के सम्बन्ध में बायोफ्लाक तकनीकी के प्रचार-प्रसार के बारे में बताया।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि किसान भाइयों के सुझावों पर इस स्तर से प्रभावी कार्यवाही की जायेगी एवं समय-समय पर इस प्रकार की कार्यशाला आयोजित कराई जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से सभी लोग मिलकर कम लागत की तकनीकी के सम्बन्ध में कार्य करेंगे तो निश्चित रूप से जनपद के किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस अवसर पर तमाम लोगों की उपस्थिति रही।