अमित त्रिवेदी
हरदोई। जनपद के पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन के आदेश पर सम्पूर्ण जनपद में लगातार बड़े पैमाने पर बिना हेलमेट के चालान और वाहनों को सीज किया जा रहा है तो वहीं हेलमेट लगाकर चलने वाले एक तो तेज़ रफ़्तार से गाड़ी दौड़ा रहे हैं और हेलमेट भी लोकल क्वालिटी का बिना (ISI) हाल मार्क वाले पहन रहे हैं जबकि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आदेश है कि अगर हेलमेट पर ISI का मार्क नहीं है और लोकल है तो भी चालान किया जाएगा लेकिन हरदोई जनपद में ISI तो दूर लोकल क्वालिटी के हेलमेट पर मिल रही छूट लेकिन अगर कोई व्यक्ति लोकल क्वालिटी का हेलमेट पहनने के बाद भी कोई दुर्घटना हो जाती है और उस व्यक्ति को छति होती है तो यह जिम्मेदारी किसकी होगी क्योंकि कई बार हम हेलमेट तो खरीद लेते हैं।
शरीर की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि चालान से बचने के लिये तो कई दफा लोग ठगी का शिकार भी हो जाते हैं। हेलमेट तो खरीदते हैं लेकिन जानकारी न होने कि वजह से हल्का और लोकल क्वालिटी का खरीद लेते हैं जो एक बार गिरने पर खुद ही टूट जाता है। ये भला एक्सीडेंट से क्या ही बचाएगा तो वहीं लोकल क्वालिटी के हेलमेट बेचना या खरीदना भी पड़ेगा महंगा। अब देश में केवल बीआईएस/आईएसआई मुहर वाले हेलमेट बेचने की मंजूरी होगी अगर कोई भी शख्स बिना आईएसआई मार्क का हेलमेट बनाता है या उसकी खरीद या बिक्री में लिप्त पाया जाता है तो उसे 1 साल तक की कैद और न्यूनतम 1 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।


















