134वीं जयन्ती पर याद किये गये बाबा साहब डा. भीमराव आम्बेडकर

  • 28 अप्रैल तक समारोहपूर्वक आयोजित होंगे विविध कार्यक्रम

अब्दुल शाहिद
बहराइच। भारतीय संविधान के शिल्पकार एवं महान समाज सुधारक भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी की जयन्ती के अवसर पर सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थाओं, तहसील, ब्लाक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर बाबा साहब को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर बाबा साहब के जीवन दर्शन, उनके द्वारा सामाजिक न्याय के लिए किए गए संघर्ष, भारतीय संविधान निर्माण में उनकी भूमिका तथा उनके विचारों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर विषय विशेषज्ञों, अधिकारियों एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा विस्तृत विचार प्रस्तुत किये गये। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल सिंह, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ बाबा साहेब के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।
आम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करती हुईं जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि शासन के निर्देश पर स्वतन्त्रता के अमृत काल में भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर 14 से 28 अप्रैल 2025 तक सम्पूर्ण प्रदेश में उत्सव के रूप में आयोजित किया जा रहा है। जनपद में ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ की टैगलाइन के अन्तर्गत विविध कार्यक्रम उत्सव के रूप में आयोजित किए जायेंगे।
डीएम ने कहा कि समतामूलक समाज की स्थापना तथा विश्व के सर्वश्रेण्ठ संविधान के निर्माण में बाबा साहब का योगदान अविस्मरणीय हैं। डीएम ने कहा कि हमारा संविधान के मौलिक अधिकारों में जहां सभी को समानरूप से विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के अवसर प्रदान किये गये हैं वहीं हमारे लिए कर्तव्यों को भी रेखांकित किया है। आज हमें मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना होगा। डीएम ने कहा कि आज हम जिस भी मुकाम पर हों, हमें बिना किसी भेदभाव, ऊंच-नीच, धर्म, वर्ग एवं जाति से ऊपर उठकर मानव कल्याणार्थ कार्य करना बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। डीएम ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े और विस्तृत संविधान के निर्माण में योगदान देने के साथ-साथ बाबा साहब ने नारी सशक्तिकरण, न्याय, बन्धुता, समता और स्वतन्त्रता से युुक्त समाज की स्थापना का सपना देखा था जिसे पूरा करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव ने बाबा साहब के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि बाबा साहब का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश में हुआ था। उन्होनें देश का संविधान भी लिखा है। उन्हीं के प्रयास से मजदूरों की ड्यूटी 14 घंटे से घटाकर 08 घंटे की गयी थी। मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि बाबा साहब ने महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया।
उन्होंने बंगाल से चुनाव भी लड़ा था। बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी में उनकी पूजा भी होती है। नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने बाबा साहब के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान के निर्माण में बाबा साहब के योगदान को भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि 09 भाषाओं का ज्ञान तथा 62 डिग्री रखने वाले बाबा साहब ने संविधान निर्माण से पूर्व 07 अलग-अलग देशों के संविधान गहन अध्ययन किया था। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर हम बाबा साहब को सच्ची श्रृद्धांजलित दे सकते हैं। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर स्थित विभिन्न कार्यालयों के अधिकारी व कर्मचारी तथा कलेक्ट्रेट के पटल सहायक मौजूद रहे।

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