रविन्द्र चौधरी
उरई, जालौन। नया सत्र शुरू होते ही जनपद में नए शिक्षा के मंदिर खुलने शुरू हो जाते है एक बिल्डिंग किराए ओर ले ली और खोल लिया शिक्षा का मंदिर। जी हां कुछ ऐसा ही जनपद में देखने को मिल रहा है हर मोहल्ले में शिक्षा विभाग की कृपा से दो दर्जन स्कूल बिना मान्यता के खुले हुए है और इन स्कूलों के कर्ता धर्ता अभिभावकों को बड़ी बड़ी बातें बताकर और बड़े स्वप्नन दिखाकर बच्चों का भविष्य सबारने की बजाय बर्बाद करने में लगे है जनहित में लोगो ने जिले के ईमानदार जिलाधिकारी और शिक्षा अधिकारियों से ऐसे स्कूलों को बंद करने की मांग की है। यह तो सब जानते हैं कि नया सत्र शुरू होते ही फर्जी स्कूल काफी संख्या में दिखना शुरू हो जाते हैं।
ऐसे स्कूलों में जो शिक्षक और शिक्षिकाएं होती है अगर उनकी डिग्री मांग ली जाए तो हाई स्कूल पास हो लेकिन स्कूल चलाना है अभिभावकों को बेबकूफ बनाकर उनकी जेब से रुपये भी लूटना है।ऐसा ही एक फर्जी स्कूल का रामलीला मैदान बंम्बी रोड पर उदय हुआ है एक बिल्डिंग में जिसमे न ही फायर की एनओसी है और न ही बिजली कनेक्शन। ऐसा स्कूल जिसकी मान्यता भी नही है और न ही मानक पूरा कर रहे है बेहद चर्चाओ में है। इस स्कूल के शिक्षक और शिक्षिकाएं घर घर जाकर पमलेट बांटकर लोगो को अपने स्कूल में एडमिशन के लिए प्रेरित कर रहे है जब अभिभावक पूछता है कि मान्यता है तो सभी चुप्पी साधे रहते है बंम्बी रोड़ पर खुले उमाशंकर पब्लिक स्कूल का संचालक नियम और निर्देशो को धता बताकर और अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर बच्चों का भविष्य बिगाड़ने में लगा हुआ है।
अब इसे शिक्षा अधिकारियों की भी खुली छूट मान ले कि जिसका मन हुआ उसने स्कूल खोल लिया। सूत्रों की माने तो एक बड़े नामचीन स्कूल के भगोड़े ने इस स्कूल को खोला है और फर्जीबाड़े में खोला गया। उमाशंकर पब्लिक स्कूल किसी भी प्रकार से नियमों पर खरा नहीं उतर रहा। एक अभिभावक ने बताया कि फीस इतनी की पसीना छूट जाए और किताबों का कोर्स भी पांच हजार पार। जनहित में लोगो ने न्याय प्रिय जिलाधिकारी ने ऐसे स्कूलों के संचालन पर रोक लगाए जाने की मांग की।