डा. आम्बेडकर ने शोषितों, कमजोरों, वंचितों, दलितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिये हमेशा कार्य किया: एमएलसी

देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। भारत रत्न डॉ0 भीमराव रामजी आंबेडकर की 134वीं जयंती कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य रामसूरत राजभर एवं जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 आजाद भगत सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, डीआईओएस एवं कलेक्ट्रेट के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों ने डॉ0 भीमराव रामजी आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्वापूर्वक उनको नमन किया। विधान परिषद सदस्य ने डॉ0 आंबेडकर जी को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि देश के सभी लोग उनका और उनके द्वारा बनाए गए संविधान का अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंबेडकर जी की संविधान निर्माण में अहम भूमिका थी। उन्होंने शोषित, कमजोर वर्ग, वंचित, दलित, आर्थिक रूप से कमजोर एवं महिलाओं के उत्थान के लिए हमेशा कार्य किया है और शिक्षा पर विशेष रूप से जोर दिया। डा0 आंबेडकर जी का कहना था कि ‘‘शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो’’।
उन्होंने कहा कि डा0 बी0आर0 आंबेडकर जी के योगदान को जितना सराहा जाए उतना कम है। हम सब मिलकर उनके विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे, बाबा साहब के विचारों को न केवल याद रखें, बल्कि अपने जीवन में आत्मसात करें। उनके बताए मार्ग पर चलकर ही हम एक सशक्त, समान और समावेशी समाज का निर्माण कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को आंबेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आंबेडकर जी के जीवन से हम सबको कुछ न कुछ अवश्य सीखना चाहिए और प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत निर्माण, संविधान निर्माण में उनका बहुत ही योगदान है। उनका शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही बड़ा योगदान है। बाबा साहब ने भारत से लेकर विदेशों तक विभिन्न विषयों में शिक्षा ग्रहण किया। शिक्षा ग्रहण करने का उद्देश्य यह था कि भारत में शिक्षा एवं समानता का अधिकार स्थापित कर सकें। बाबा साहब अपने समय के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे व्यक्ति थे। उन्होंने कहा था कि शिक्षा वह शेरनी दूध है, जो पियेगा, वही दहाड़ेगा।
उन्होंने मजदूर, गरीब, दलित एवं महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। जिलाधिकारी ने कहा कि संविधान की ही देन है कि आज हम विभिन्न जाति, धर्म, सम्प्रदाय के लिए आपस में मिल—जुलकर रहते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा संविधान हमारे भारत का है। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए कि हम जीवन में क्या बनेंगे। अपनी जिम्मेदारी और दायित्व का निर्वहन पूर्ण निष्ठा के साथ करते हुए अपना व अपने परिवार और राष्ट्र के भाग्य के निर्माण में अहम योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत कर वंचित तबके के बदलाव और हक की लड़ाई लड़ने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का सामाजिक परिवर्तन में अमूल्य योगदान रहा है।
जयंती पर उनके सामाजिक बदलाव के सपने को पूरा करने के लिए प्रण लेने की जरूरत है। उनके विचारों को आगे ले कर जाना और कमजोर वर्ग के लोगों की मदद कर उनके सपनों को पूरा करने में अपना अहम योगदान दें। उन्होने कहा कि 14 से 25 अप्रैल तक पूरे जनपद में बाबा साहब की जयंती को पूरे उत्सव के रूप में मनाया जायेगा। हम सभी प्रण करें कि उनके द्वारा समाज के लिए किये गये कार्याें को आगे बढ़ायेंगे और देश को एक विकसित राष्ट्र बनायेंगे। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन राहुल विश्वकर्मा सहित अन्य कर्मचारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 आजाद भगत सिंह ने किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक उपेन्द्र कुमार सहित कलेक्ट्रेट के समस्त अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

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